Leviticus (लैव्यवस्था) >> How to Apply the Five Offerings Part 2
1 फिर दोषबलि की व्यवस्था यह है। वह परमपवित्र है;
1 Likewise this is the law of the trespass offering: it is most holy.
2 जिस स्थान पर होमबलिपशु का वध करते हैं उसी स्थान पर दोषबलिपशु का भी बलि करें, और उसके लोहू को याजक वेदी पर चारों ओर छिड़के।
2 In the place where they kill the burnt offering shall they kill the trespass offering: and the blood thereof shall he sprinkle round about upon the altar.
3 और वह उस में की सब चरबी को चढ़ाए, अर्थात उसकी मोटी पूंछ को, और जिस चरबी से अंतडिय़ां ढपी रहती हैं वह भी,
3 And he shall offer of it all the fat thereof; the rump, and the fat that covereth the inwards,
4 और दोनों गुर्दे और जो चरबी उनके ऊपर और कमर के पास रहती है, और गुर्दों समेत कलेजे के ऊपर की झिल्ली; इन सभों को वह अलग करे;
4 And the two kidneys, and the fat that is on them, which is by the flanks, and the caul that is above the liver, with the kidneys, it shall he take away:
5 और याजक इन्हें वेदी पर यहोवा के लिये हवन करे; तब वह दोषबलि होगा।
5 And the priest shall burn them upon the altar for an offering made by fire unto the LORD: it is a trespass offering.
6 याजकों में के सब पुरूष उस में से खा सकते हैं; वह किसी पवित्रस्थान में खाया जाए; क्योंकि वह परमपवित्र है।
6 Every male among the priests shall eat thereof: it shall be eaten in the holy place: it is most holy.
7 जैसा पापबलि है वैसा ही दोषबलि भी है, उन दोनों की एक ही व्यवस्था है; जो याजक उन बलियों को चढ़ा के प्रायश्चित्त करे वही उन वस्तुओं को ले ले।
7 As the sin offering is, so is the trespass offering: there is one law for them: the priest that maketh atonement therewith shall have it.
8 और जो याजक किसी के लिये होमबलि को चढ़ाए उस होमबलिपशु की खाल को वही याजक ले ले।
8 And the priest that offereth any man's burnt offering, even the priest shall have to himself the skin of the burnt offering which he hath offered.
9 और तंदूर में, वा कढ़ाही में, वा तवे पर पके हुए सब अन्नबलि उसी याजक की होंगी जो उन्हें चढ़ाता है।
9 And all the meat offering that is baken in the oven, and all that is dressed in the fryingpan, and in the pan, shall be the priest's that offereth it.
10 और सब अन्नबलि, जो चाहे तेल से सने हुए हों चाहे रूखे हों, वे हारून के सब पुत्रों को एक समान मिले॥
10 And every meat offering, mingled with oil, and dry, shall all the sons of Aaron have, one as much as another.
11 और मेलबलि की जिसे कोई यहोवा के लिये चढ़ाए व्यवस्था यह है।
11 And this is the law of the sacrifice of peace offerings, which he shall offer unto the LORD.
12 यदि वह उसे धन्यवाद के लिये चढ़ाए, तो धन्यवाद-बलि के साथ तेल से सने हुए अखमीरी फुलके, और तेल से चुपड़ी हुई अखमीरी फुलके, और तेल से चुपड़ी हुई अखमीरी रोटियां, और तेल से सने हुए मैदे के फुलके तेल से तर चढ़ाए।
12 If he offer it for a thanksgiving, then he shall offer with the sacrifice of thanksgiving unleavened cakes mingled with oil, and unleavened wafers anointed with oil, and cakes mingled with oil, of fine flour, fried.
13 और वह अपने धन्यवाद वाले मेलबलि के साथ अखमीरी रोटियां भी चढ़ाए।
13 Besides the cakes, he shall offer for his offering leavened bread with the sacrifice of thanksgiving of his peace offerings.
14 और ऐसे एक एक चढ़ावे में से वह एक एक रोटी यहोवा को उठाने की भेंट करके चढ़ाए; वह मेलबलि के लोहू के छिड़कने वाले याजक की होगी।
14 And of it he shall offer one out of the whole oblation for an heave offering unto the LORD, and it shall be the priest's that sprinkleth the blood of the peace offerings.
15 और उस धन्यवाद वाले मेलबलि का मांस बलिदान चढ़ाने के दिन ही खाया जाए; उस में से कुछ भी भोर तक शेष न रह जाए।
15 And the flesh of the sacrifice of his peace offerings for thanksgiving shall be eaten the same day that it is offered; he shall not leave any of it until the morning.
16 पर यदि उसके बलिदान का चढ़ावा मन्नत का वा स्वेच्छा का हो, तो उस बलिदान को जिस दिन वह चढ़ाया जाए उसी दिन वह खाया जाए, और उस में से जो शेष रह जाए वह दूसरे दिन भी खाया जाए।
16 But if the sacrifice of his offering be a vow, or a voluntary offering, it shall be eaten the same day that he offereth his sacrifice: and on the morrow also the remainder of it shall be eaten:
17 परन्तु जो कुछ बलिदान के मांस में से तीसरे दिन तक रह जाए वह आग में जला दिया जाए।
17 But the remainder of the flesh of the sacrifice on the third day shall be burnt with fire.
18 और उसके मेलबलि के मांस में से यदि कुछ भी तीसरे दिन खाया जाए, तो वह ग्रहण न किया जाएगा, और न पुन में गिना जाएगा; वह घृणित कर्म समझा जाएगा, और जो कोई उस में से खाए उसका अधर्म उसी के सिर पर पड़ेगा।
18 And if any of the flesh of the sacrifice of his peace offerings be eaten at all on the third day, it shall not be accepted, neither shall it be imputed unto him that offereth it: it shall be an abomination, and the soul that eateth of it shall bear his iniquity.
19 फिर जो मांस किसी अशुद्ध वस्तु से छू जाए वह न खाया जाए; वह आग में जला दिया जाए। फिर मेलबलि का मांस जितने शुद्ध होंवे ही खाएं,
19 And the flesh that toucheth any unclean thing shall not be eaten; it shall be burnt with fire: and as for the flesh, all that be clean shall eat thereof.
20 परन्तु जो अशुद्ध हो कर यहोवा के मेलबलि के मांस में से कुछ खाए वह अपने लोगों में से नाश किया जाए।
20 But the soul that eateth of the flesh of the sacrifice of peace offerings, that pertain unto the LORD, having his uncleanness upon him, even that soul shall be cut off from his people.
21 और यदि कोई किसी अशुद्ध वस्तु को छूकर यहोवा के मेलबलिपशु के मांस में से खाए, तो वह भी अपने लोगों में से नाश किया जाए, चाहे वह मनुष्य की कोई अशुद्ध वस्तु वा अशुद्ध पशु वा कोई भी अशुद्ध और घृणित वस्तु हो॥
21 Moreover the soul that shall touch any unclean thing, as the uncleanness of man, or any unclean beast, or any abominable unclean thing, and eat of the flesh of the sacrifice of peace offerings, which pertain unto the LORD, even that soul shall be cut off from his people.
22 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
22 And the LORD spake unto Moses, saying,
23 इस्त्राएलियों से इस प्रकार कह, कि तुम लोग न तो बैल की कुछ चरबी खाना और न भेड़ वा बकरी की।
23 Speak unto the children of Israel, saying, Ye shall eat no manner of fat, of ox, or of sheep, or of goat.
24 और जो पशु स्वयं मर जाए, और जो दूसरे पशु से फाड़ा जाए, उसकी चरबी और और काम में लाना, परन्तु उसे किसी प्रकार से खाना नहीं।
24 And the fat of the beast that dieth of itself, and the fat of that which is torn with beasts, may be used in any other use: but ye shall in no wise eat of it.
25 जो कोई ऐसे पशु की चरबी खाएगा जिस में से लोग कुछ यहोवा के लिये हवन करके चढ़ाया करते हैं वह खानेवाला अपने लोगों में से नाश किया जाएगा।
25 For whosoever eateth the fat of the beast, of which men offer an offering made by fire unto the LORD, even the soul that eateth it shall be cut off from his people.
26 ओर तुम अपने घर में किसी भांति का लोहू, चाहे पक्षी का चाहे पशु का हो, न खाना।
26 Moreover ye shall eat no manner of blood, whether it be of fowl or of beast, in any of your dwellings.
27 हर एक प्राणी जो किसी भांति का लोहू खाएगा वह अपने लोगों में से नाश किया जाएगा॥
27 Whatsoever soul it be that eateth any manner of blood, even that soul shall be cut off from his people.
28 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
28 And the LORD spake unto Moses, saying,
29 इस्त्राएलियों से इस प्रकार कह, कि जो यहोवा के लिये मेलबलि चढ़ाए वह उसी मेलबलि में से यहोवा के पास भेंट ले आए;
29 Speak unto the children of Israel, saying, He that offereth the sacrifice of his peace offerings unto the LORD shall bring his oblation unto the LORD of the sacrifice of his peace offerings.
30 वह अपने ही हाथों से यहोवा के हव्य को, अर्थात छाती समेत चरबी को ले आए, कि छाती हिलाने की भेंट करके यहोवा के साम्हने हिलाई जाए।
30 His own hands shall bring the offerings of the LORD made by fire, the fat with the breast, it shall he bring, that the breast may be waved for a wave offering before the LORD.
31 और याजक चरबी को तो वेदी पर जलाए, परन्तु छाती हारून और उसके पुत्रों की होगी।
31 And the priest shall burn the fat upon the altar: but the breast shall be Aaron's and his sons'.
32 फिर तुम अपने मेलबलियों में से दाहिनी जांघ को भी उठाने की भेंट करके याजक को देना;
32 And the right shoulder shall ye give unto the priest for an heave offering of the sacrifices of your peace offerings.
33 हारून के पुत्रों में से जो मेलबलि के लोहू और चरबी को चढ़ाए दाहिनी जांघ उसी का भाग होगा।
33 He among the sons of Aaron, that offereth the blood of the peace offerings, and the fat, shall have the right shoulder for his part.
34 क्योंकि इस्त्राएलियों के मेलबलियों में से हिलाने की भेंट की छाती और उठाने की भेंट की जांघ को ले कर मैं ने याजक हारून और उसके पुत्रों को दिया है, कि यह सर्वदा इस्त्राएलियों की ओर से उनका हक बना रहे॥
34 For the wave breast and the heave shoulder have I taken of the children of Israel from off the sacrifices of their peace offerings, and have given them unto Aaron the priest and unto his sons by a statute for ever from among the children of Israel.
35 जिस दिन हारून और उसके पुत्र यहोवा के समीप याजक पद के लिये आए गए उसी दिन यहोवा के हव्यों में से उनका यही अभिषिक्त भाग ठहराया गया;
35 This is the portion of the anointing of Aaron, and of the anointing of his sons, out of the offerings of the LORD made by fire, in the day when he presented them to minister unto the LORD in the priest's office;
36 अर्थात जिस दिन यहोवा ने उसका अभिषेक किया उसी दिन उसने आज्ञा दी कि उन को इस्त्राएलियों की ओर से ये ही भाग नित मिला करें; उनकी पीढ़ी पीढ़ी के लिये उनका यही हक ठहराया गया।
36 Which the LORD commanded to be given them of the children of Israel, in the day that he anointed them, by a statute for ever throughout their generations.
37 होमबलि, अन्नबलि, पापबलि, दोषबलि, याजकों के संस्कार बलि, और मेलबलि की व्यवस्था यही है;
37 This is the law of the burnt offering, of the meat offering, and of the sin offering, and of the trespass offering, and of the consecrations, and of the sacrifice of the peace offerings;
38 जब यहोवा ने सीनै पर्वत के पास के जंगल में मूसा को आज्ञा दी कि इस्त्राएली मेरे लिये क्या क्या चढ़ावे चढ़ाएं, तब उसने उन को यही व्यवस्था दी थी॥
38 Which the LORD commanded Moses in mount Sinai, in the day that he commanded the children of Israel to offer their oblations unto the LORD, in the wilderness of Sinai.