Psalms (भजन संहिता) >> The Old Hundreth (Thanksgiving)
1 हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो!
1 Make a joyful noise unto the LORD, all ye lands.
2 आनन्द से यहोवा की आराधना करो! जयजयकार के साथ उसके सम्मुख आओ!
2 Serve the LORD with gladness: come before his presence with singing.
3 निश्चय जानो, कि यहोवा ही परमेश्वर है। उसी ने हम को बनाया, और हम उसी के हैं; हम उसकी प्रजा, और उसकी चराई की भेड़ें हैं॥
3 Know ye that the LORD he is God: it is he that hath made us, and not we ourselves; we are his people, and the sheep of his pasture.
4 उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आंगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो, उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो!
4 Enter into his gates with thanksgiving, and into his courts with praise: be thankful unto him, and bless his name.
5 क्योंकि यहोवा भला है, उसकी करूणा सदा के लिये, और उसकी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है॥
5 For the LORD is good; his mercy is everlasting; and his truth endureth to all generations.