Psalms (भजन संहिता) >> The Judgment Storm
1 हे परमेश्वर के पुत्रों यहोवा का, हां यहोवा ही का गुणानुवाद करो, यहोवा की महिमा और सामर्थ को सराहो।
1 Give unto the LORD, O ye mighty, give unto the LORD glory and strength.
2 यहोवा के नाम की महिमा करो; पवित्रता से शोभायमान होकर यहोवा को दण्डवत् करो।
2 Give unto the LORD the glory due unto his name; worship the LORD in the beauty of holiness.
3 यहोवा की वाणी मेघों के ऊपर सुन पड़ती है; प्रतापी ईश्वर गरजता है, यहोवा घने मेघों के ऊपर रहता है।
3 The voice of the LORD is upon the waters: the God of glory thundereth: the LORD is upon many waters.
4 यहोवा की वाणी शक्तिशाली है, यहोवा की वाणी प्रतापमय है।
4 The voice of the LORD is powerful; the voice of the LORD is full of majesty.
5 यहोवा की वाणी देवदारों को तोड़ डालती है; यहोवा लबानोन के देवदारों को भी तोड़ डालता है।
5 The voice of the LORD breaketh the cedars; yea, the LORD breaketh the cedars of Lebanon.
6 वह उन्हें बछड़े की नाईं और लबानोन और शिर्योन को जंगली बछड़े के समान उछालता है॥
6 He maketh them also to skip like a calf; Lebanon and Sirion like a young unicorn.
7 यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है।
7 The voice of the LORD divideth the flames of fire.
8 यहोवा की वाणी वन को हिला देती है, यहोवा कादेश के वन को भी कंपाता है॥
8 The voice of the LORD shaketh the wilderness; the LORD shaketh the wilderness of Kadesh.
9 यहोवा की वाणी से हरिणियों का गर्भपात हो जाता है। और अरण्य में पतझड़ होती है; और उसके मन्दिर में सब कोई महिमा ही महिमा बोलता रहता है॥
9 The voice of the LORD maketh the hinds to calve, and discovereth the forests: and in his temple doth every one speak of his glory.
10 जलप्रलय के समय यहोवा विराजमान था; और यहोवा सर्वदा के लिये राजा होकर विराजमान रहता है।
10 The LORD sitteth upon the flood; yea, the LORD sitteth King for ever.
11 यहोवा अपनी प्रजा को बल देगा; यहोवा अपनी प्रजा को शान्ति की आशीष देगा॥
11 The LORD will give strength unto his people; the LORD will bless his people with peace.